मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना: उज्जैन जिले के पांच ग्रामों का अनुमोदन, विभागों को 5 वर्षीय सेचुरेशन प्लान के निर्देश
उज्जैन | JANJAGRITI SAMACHAR
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| उज्जैन के गांवों में मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के माध्यम से हो रहे विकास कार्यों का प्रतीकात्मक ग्रामीण दृश्य |
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के अंतर्गत उज्जैन जिले के पांच ग्रामों का अनुमोदन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य गांवों को साफ-सुथरा, हरा-भरा और आत्मनिर्भर बनाना है। चयनित ग्रामों में आने वाले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से विकास कार्य किए जाएंगे, ताकि ग्रामीणों को रोजगार, बेहतर सुविधाएं और सम्मानजनक जीवन मिल सके।
जिला पंचायत उज्जैन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) श्री श्रेयांस कुमट ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना को जमीन पर प्रभावी रूप से उतारने के लिए सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं का पांच साल का संपूर्ण सेचुरेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्लान संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ को शीघ्र भेजा जाएगा और उसकी एक प्रति जिला पंचायत को भी दी जाएगी।
उज्जैन जिले के चयनित ग्राम
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के अंतर्गत उज्जैन जिले के जिन पांच ग्रामों को शामिल किया गया है, वे इस प्रकार हैं—
जनपद पंचायत बड़नगर – ग्राम मकड़ावन
जनपद पंचायत घट्टिया – ग्राम नज़रपुर
जनपद पंचायत खाचरौद – ग्राम चापाखेड़ा
जनपद पंचायत महिदपुर – ग्राम मकला
जनपद पंचायत तराना – ग्राम कचनारिया
इन ग्रामों को विधानसभा क्षेत्र स्तर पर चयनित किया गया है। शासन की मंशा है कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक ऐसा ग्राम विकसित हो, जो अन्य गांवों के लिए उदाहरण बन सके।
क्यों जरूरी है यह योजना?
मध्यप्रदेश की बड़ी आबादी गांवों में रहती है। गांवों का विकास होगा तभी प्रदेश और देश का विकास संभव है। इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से कुछ गांवों को विशेष रूप से चुना गया है, जहां एक साथ कई विभाग मिलकर काम करेंगे और हर योजना का लाभ गांव के हर पात्र परिवार तक पहुंचाया जाएगा।
सरकार का मानना है कि यदि गांव में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली और स्वच्छता की बेहतर व्यवस्था होगी, तो लोगों को शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा।
गौपालन और दुग्ध उत्पादन पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें गौपालन और दुग्ध उत्पादन को केंद्र में रखा गया है। चयनित ग्रामों में गोवंश संरक्षण, दुधारू पशुओं का पालन, दूध उत्पादन बढ़ाने और डेयरी से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
इससे ग्रामीण परिवारों को नियमित आय का साधन मिलेगा और गांव की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
योजना के मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं—
गौपालन और डेयरी विकास को बढ़ावा देना
गांव को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना
जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना
जल संरक्षण और सौर ऊर्जा जैसी गतिविधियों को अपनाना
ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार करना
गांवों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना
ग्राम चयन की शर्तें
इस योजना के तहत ग्रामों का चयन कुछ तय शर्तों के आधार पर किया जाता है—
ग्राम की न्यूनतम जनसंख्या 2000 हो
ग्राम में न्यूनतम 500 गोवंश उपलब्ध हों
ग्राम का चयन विधानसभा क्षेत्र स्तर पर किया जाए
कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री और विधायक से परामर्श के बाद अंतिम चयन हो
गांवों में मिलेंगी ये सुविधाएं
चयनित वृंदावन ग्रामों में विभिन्न विभागों के माध्यम से कई मूलभूत और आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें प्रमुख रूप से—
गौशाला और पशु चिकित्सालय
ग्राम पंचायत भवन और सामुदायिक भवन
स्कूल, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र
गांव के भीतर सड़कें, नालियां और यात्री प्रतीक्षालय
सोलर स्ट्रीट लाइट और हर घर जल योजना
दुग्ध संग्रहण केंद्र और बायोगैस संयंत्र
आजीविका भवन, वर्कशेड और ग्रामीण उद्योग
सार्वजनिक उद्यान, शौचालय और पुस्तकालय
जल संरक्षण और रोजगार पर भी जोर
योजना के अंतर्गत जल संरक्षण को भी विशेष महत्व दिया जाएगा। तालाबों का संरक्षण, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज और छोटे चेकडेम जैसे कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, लघु उद्योग और कौशल आधारित सेवाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
गांवों को मिलेगा नया रूप
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना उज्जैन जिले के इन पांच ग्रामों को केवल सुविधाएं ही नहीं देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन की ओर ले जाएगी। आने वाले समय में ये गांव स्वच्छता, रोजगार, हरियाली और गौसेवा के क्षेत्र में उदाहरण बनेंगे।
यह योजना ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे गांवों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने की उम्मीद है।
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