मध्यप्रदेश बना ऊर्जा आत्मनिर्भरता और नवाचार का राष्ट्रीय मॉडल

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों का स्वर्णिम अध्याय

भोपाल | रविवार, 14 दिसंबर 2025 



मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व और सतत मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश का ऊर्जा क्षेत्र आज ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत और संरचनात्मक निर्णय न केवल वर्तमान की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं, बल्कि आने वाले दशकों की बढ़ती मांगों के अनुरूप मजबूत आधारशिला भी तैयार कर रहे हैं। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है—हर घर, हर खेत और हर उद्योग तक गुणवत्तापूर्ण, निर्बाध और किफायती बिजली पहुंचाना।

4000 मेगावॉट ताप विद्युत क्षमता, 50 हजार करोड़ का निवेश

प्रदेश में दीर्घकालिक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 4000 मेगावॉट ताप विद्युत क्षमता हेतु निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की गई है। ये संयंत्र DBFOO मॉडल (Design, Build, Finance, Own, Operate) पर स्थापित हो रहे हैं, जिनके लिए कोयला आपूर्ति ‘शक्ति नीति’ के अंतर्गत सुनिश्चित है। इससे प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 5 से 7 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

51,711 नए नियमित पद स्वीकृत

ऊर्जा कंपनियों के पुनर्गठन के तहत 51,711 नए नियमित पद स्वीकृत किए गए हैं।

  • पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी – 17,402 पद

  • मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी – 16,165 पद

  • पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी – 15,690 पद

  • पावर ट्रांसमिशन कंपनी – 1,431 पद

  • पावर जनरेटिंग कंपनी – 1,017 पद

इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिससे सेवा गुणवत्ता और उपभोक्ता संतुष्टि में बड़ा सुधार होगा।

28,000 करोड़ से अधिक की नई परियोजनाएं

वर्ष 2025-26 से 2029-30 के बीच पारेषण प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु 5,163 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही सारनी और चचाई में 2×660 मेगावॉट की ताप विद्युत इकाइयों की स्थापना हेतु 23,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
गांधीसागर और राणा प्रताप सागर जल विद्युत गृहों के आधुनिकीकरण से जल विद्युत उत्पादन भी मजबूत होगा।

उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

राज्य सरकार की अटल गृह ज्योति योजना, अटल कृषि ज्योति योजना और निःशुल्क विद्युत प्रदाय योजना के माध्यम से लाखों परिवारों और किसानों को सस्ती बिजली मिल रही है।

  • अटल गृह ज्योति योजना – ₹7,131 करोड़

  • अटल कृषि ज्योति योजना – ₹13,909 करोड़

  • निःशुल्क विद्युत योजना – ₹5,299 करोड़

आरडीएसएस योजना के अंतर्गत उपकेंद्र, लाइनें, कृषि फीडर विभक्तिकरण और ट्रांसफॉर्मर स्थापना के कार्य तेजी से पूरे किए गए हैं।

स्मार्ट मीटरिंग में अग्रणी मध्यप्रदेश

प्रदेश में अब तक 26 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। प्री-पेड स्मार्ट मीटर अपनाने पर उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20% छूट दी जा रही है।

समाधान योजना 2025-26 से बकाया उपभोक्ताओं को राहत

लंबित बिजली बिलों पर सरचार्ज से राहत देने के लिए समाधान योजना 2025-26 लागू की गई है।

  • प्रथम चरण: 3 नवंबर से 31 दिसंबर 2025

  • द्वितीय चरण: 1 जनवरी से 28 फरवरी 2026

इस योजना में सरचार्ज पर 60 से 100% तक की छूट और 6 आसान किश्तों में भुगतान की सुविधा दी जा रही है।

जनजातीय क्षेत्रों में विद्युतीकरण

PM-JANMAN योजना के तहत भारिया, बैगा और सहरिया जनजातियों के 27 हजार घरों में से 25,362 घरों का विद्युतीकरण सितंबर 2025 तक पूरा किया जा चुका है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 59,172 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है।

पारेषण और तकनीकी नवाचार

प्रदेश की पारेषण कंपनी ने 99.47% उपलब्धता और मात्र 2.60% लाइन हानियों के साथ देश में उदाहरण प्रस्तुत किया है।
ड्रोन पेट्रोलिंग, GIS उपकेंद्र, ऑप्टिकल फाइबर संचार प्रणाली और हाई टेम्परेचर लो-सेग कंडक्टर जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा

उद्योगों के लिए ऑनलाइन कनेक्शन, डिजिटल भुगतान, कम दस्तावेज और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 15 विद्युत सेवाएं शामिल की गई हैं। इससे उद्योगों को समयबद्ध और पारदर्शी सेवाएं मिल रही हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

सतपुड़ा, अमरकंटक और श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृहों को फ्लाय ऐश प्रबंधन, पर्यावरणीय उत्कृष्टता और उच्च PLF के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने लगातार तीन वर्षों तक विज्ञान मेले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

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