मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया

 03 दिवसीय महोत्सव में श्रीकृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, नृत्य-नाट्य और चित्र प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र

गीता हमारे जीवन का श्रेष्ठ मार्गदर्शक” — मुख्यमंत्री


उज्जैन | सोमवार, 1 दिसम्बर 2025

उज्जैन के दशहरा मैदान में सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उन्होंने सभी नागरिकों को गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश आज भी जीवन-प्रबंधन का सर्वोत्तम मार्गदर्शन हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में उज्जैन की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध के बाद उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने कहा कि—
भगवद गीता मनुष्य को कठिन से कठिन समय में भी कर्तव्य का पालन करना सिखाती है। इससे श्रेष्ठ कोई ग्रंथ नहीं।”

नई शिक्षा नीति में गीता का समावेश

डॉ. यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत कई राज्यों के पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करना है।

दीप प्रज्वलन व गीता पाठ के साथ हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। इसके बाद उपस्थित विद्वानों और अतिथियों द्वारा गीता के 15वें अध्याय — पुरुषोत्तम योग का सस्वर पाठ किया गया।

प्रमुख अतिथि

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से

  • श्री रामानुज कोट,

  • स्वामी श्री रंगनाथाचार्य महाराज,

  • स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्य महाराज,

  • विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़,

  • श्री संजय अग्रवाल,

  • केंद्रीय परीक्षा प्रमुख श्री ओमप्रकाश शर्मा,

  • ईस्कॉन के श्री राघव पंडित
    सहित बड़ी संख्या में छात्र, वेद-पाठी बटुक, आचार्य और नागरिक उपस्थित रहे।


कार्यक्रमों की रूपरेखा (1–3 दिसंबर 2025)

1 दिसंबर — सोमवार

  • शाम 7 बजे: प्रसिद्ध कलाकार श्री पुनीत इस्सर के निर्देशन में “जय श्रीकृष्ण – गीता सार” नृत्य-नाट्य।

2 दिसंबर — मंगलवार

  • शाम 7 बजे: नई दिल्ली की कलाकार सुश्री वैष्णवी शर्मा द्वारा “विराटजयी” काव्य प्रस्तुति।

  • इसके बाद श्री मोहित शेवानी द्वारा निर्देशित “कृष्णायन” नाट्य मंचन।

3 दिसंबर — बुधवार

  • शाम 7 बजे: “विश्ववंदनीय” नाट्य का मंचन—परिकल्पना: डॉ. वीनस तरकसवार, निर्देशन: श्री उमेश तरकसवार।

  • भरतनाट्यम – सुश्री श्वेता देवेंद्र

  • कथक – सुश्री क्षमा मालवीय

  • मोहिनीअट्टम – सुश्री कविता शाजी

  • गीता ऑन व्हील्स नाट्य – श्री सलाउद्दीन पाशा

  • माधव दर्शनम्—लघु चित्र शैली प्रदर्शनी

प्रवेश पूर्णत: नि:शुल्क

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