राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के भविष्य की दूरदर्शी कार्ययोजना : राज्यपाल पटेल
मध्यप्रदेश में NEP-2020 क्रियान्वयन में देश का नेतृत्व कर रहा है प्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भारतीयता आधारित शिक्षा व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य : केंद्रीय मंत्री प्रधान
भोपाल, रविवार 07 दिसंबर 2025
मध्यप्रदेश में रविवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : क्रियान्वयन, चुनौतियां और संभावनाएं” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान की धुन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, एवं मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित रहे।
कार्यशाला में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह और राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद, कुलगुरु, प्राचार्य और विद्यार्थी शामिल हुए।
राज्यपाल बोले — NEP भारत के भविष्य को नई दिशा देने वाली नीति
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सिर्फ एक सुधार कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को नई दिशा देने वाली दूरदर्शी कार्ययोजना है। इस नीति का मूल भाव “समग्रता” है — यानी समग्र शिक्षा, समग्र विकास और समग्र राष्ट्र-निर्माण।
उन्होंने कहा कि MP को शिक्षा परिवर्तन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए
• स्पष्ट दिशा,
• ठोस लक्ष्य,
• और समन्वित कार्यसंस्कृति
की जरूरत है।
राज्यपाल ने बताया कि NEP के तहत एकीकृत स्नातक कार्यक्रम, बहु-प्रवेश–बहु-निर्गम व्यवस्था, शैक्षणिक बैंक ऑफ क्रेडिट और अनुसंधान आधारित वातावरण जैसे प्रावधान उच्च शिक्षा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएँगे।
उन्होंने यह भी कहा कि
“21वीं सदी में विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए एआई, डिजिटल साक्षरता और नवाचार आधारित शिक्षण पर तेजी से कार्य करना होगा।”
राज्यपाल पटेल ने गुजरात में “दूध संजीवनी योजना” का उदाहरण देते हुए बताया कि बच्चों को पौष्टिक आहार देने से उपस्थिति और सीखने की क्षमता दोनों में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि माता-पिता और शिक्षक दोनों को मिलकर शिक्षा की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
MP NEP लागू करने में देश का अग्रणी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ने NEP-2020 को केवल शैक्षणिक सुधार न मानकर, इसे राज्य के कौशल विकास, नवाचार और सांस्कृतिक पुनर्जागरण से जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि—
• प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को कुलगुरु कहकर गुरुकुल परंपरा से आधुनिक शिक्षा का मेल किया गया है।
• राज्य में 370 सांदीपनि स्कूल 21वीं सदी के कौशल और नई शिक्षा नीति की मॉडल शालाएँ बन चुके हैं।
• हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज स्थापित किए गए हैं।
सीएम ने महर्षि विश्वामित्र द्वारा श्रीराम को दिए प्रशिक्षण, गुरु सांदीपनि और सम्राट विक्रमादित्य की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा का आधार सदैव गुरु–शिष्य परंपरा रही है, जिसे NEP फिर से मजबूत कर रही है।
उन्होंने बताया कि इंदौर और रतलाम के सांदीपनि विद्यालयों की कार्यप्रणाली को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है।
राज्य में समेकित विश्वविद्यालय की अवधारणा भी तेजी से लागू की जा रही है।
शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की जरूरत : केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली ने हमेशा वैज्ञानिकता, दर्शन और अध्यात्म को एक साथ आगे बढ़ाया है।
NEP का लक्ष्य है कि शिक्षा में भारतीयता को पुनर्स्थापित किया जाए।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय New Age Skills का है —
• क्वांटम कम्प्यूटिंग
• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
• रोबोटिक्स
• अनुसंधान आधारित शिक्षा
इसलिए MP के शैक्षणिक संस्थानों में इन क्षेत्रों का विस्तार आवश्यक है।
प्रधान ने सुझाव दिया कि—
• स्कूलों में कक्षा 12 तक छात्रों का निरंतर अध्ययन सुनिश्चित किया जाए।
• शोध को स्थानीय जरूरतों से जोड़ा जाए।
• संस्थाओं के प्रबंधन में समाज की भागीदारी बढ़ाई जाए।
उन्होंने एक प्रभावी सुझाव देते हुए कहा—
“महंगे पुष्प-गुच्छ की जगह फलों की टोकरी देकर स्वागत करने का नवाचार अपनाना चाहिए।”
यह स्वस्थ समाज और बच्चों के पोषण को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
स्कूल शिक्षा में सुधार को लेकर मंत्री उदय प्रताप सिंह का वक्तव्य
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
• MP दोहरी परीक्षा प्रणाली लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।
• 10वीं–12वीं के परिणामों में पिछले दशक में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
• एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के लिए राज्यभर में गतिविधियाँ संचालित हैं।
• निजी स्कूलों को भी किफायती दर पर पाठ्यपुस्तकें देने के लिए कैंप लगाए गए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने क्या कहा
उन्होंने बताया कि—
• NEP को भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ जोड़कर लागू किया जा रहा है।
• विश्वविद्यालयों में डिजीलॉकर आधारित उपाधि व्यवस्था शुरू हो चुकी है।
• कृषि विरासत, जनजातीय ज्ञान और अनुसंधान आधारित पाठ्यक्रमों पर भी काम किया जा रहा है।
कार्यशाला में हुआ विशेष प्रदर्शन
कार्यक्रम में प्रदेश के सांदीपनि विद्यालयों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी,
तथा वरिष्ठ शिक्षाविद और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
MP ने शिक्षा, संस्कृति, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में देश में नई मिसालें स्थापित की हैं।
NEP-2020 के माध्यम से आने वाले वर्षों में प्रदेश की शिक्षा प्रणाली और अधिक
• रोजगारपरक,
• शोध उन्मुख,
• और भारतीय मूल्यों से समृद्ध
बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।


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