पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल
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डेयरी क्रांति की ओर मध्यप्रदेश का बड़ा कदम है डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल | रविवार, 14 दिसंबर 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पशुपालकों एवं दुग्ध उत्पादकों को हर संभव तरीके से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को व्यापक स्तर पर बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण की दिशा में डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना एक बड़ा और निर्णायक कदम है, जो प्रदेश को डेयरी क्रांति की ओर ले जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, पशुपालकों की आय बढ़ाने और डेयरी उद्योग को सुनियोजित, व्यावसायिक एवं लाभकारी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना विशेष रूप से उन जरूरतमंद युवाओं, किसानों और पशुपालकों के लिए आशा की किरण है, जो आधुनिक डेयरी इकाई स्थापित कर आय का स्थायी स्रोत विकसित करना चाहते हैं।
25 दुधारू पशुओं की आधुनिक डेयरी इकाई
डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना के तहत लाभार्थियों को 25 दुधारू पशुओं की एक डेयरी इकाई स्थापित करने का अवसर दिया जा रहा है। इच्छुक और सक्षम हितग्राही अधिकतम 8 इकाइयों (200 पशुओं) तक की डेयरी परियोजना भी स्थापित कर सकते हैं। यह योजना छोटे, मध्यम और उभरते डेयरी उद्यमियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
भूमि और प्रशिक्षण अनिवार्य
योजना के तहत प्रति इकाई हितग्राही के पास कम से कम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होना अनिवार्य है, जिससे पशुओं के आवास, चारा उत्पादन और डेयरी संचालन को सुचारू रूप से किया जा सके। इसके साथ ही पशुपालकों को प्रोफेशनल और वैज्ञानिक प्रशिक्षण देने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि डेयरी व्यवसाय आधुनिक तकनीकों से संचालित हो सके।
आकर्षक अनुदान और बैंक ऋण सुविधा
इस योजना का सबसे आकर्षक पहलू है सरकारी अनुदान (सब्सिडी)—
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अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को कुल परियोजना लागत का 33% तक अनुदान
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अन्य सभी वर्गों को 25% तक अनुदान
शेष राशि बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे बड़े निवेश की बाधा कम होगी और डेयरी व्यवसाय शुरू करना आसान बनेगा।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया
योजना की आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और चयन सामान्यतः “पहले आओ–पहले पाओ” के आधार पर किया जा रहा है। इसके साथ ही उन पशुपालकों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो पहले से दुग्ध संघों या सहकारी संस्थाओं को नियमित रूप से दूध आपूर्ति कर रहे हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज—
आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र।
इच्छुक आवेदक पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आधिकारिक पोर्टल या अपने जिले के पशु चिकित्सा सेवाएं कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
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25 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के नवीन घटक के रूप में डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना को स्वीकृति।
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प्रति इकाई (25 दुधारू पशु) लागत 36 लाख से 42 लाख रुपये।
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एक हितग्राही अधिकतम 8 इकाइयां स्थापित कर सकता है।
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प्रति इकाई न्यूनतम 3.50 एकड़ कृषि भूमि अनिवार्य।
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भूमि के लिए परिवार के संयुक्त खाते भी मान्य (अन्य सदस्यों की सहमति आवश्यक)।
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इकाइयों की संख्या बढ़ने पर भूमि की अर्हता भी आनुपातिक रूप से बढ़ेगी।पात्र हितग्राही को ऋण राशि का भुगतान चार चरणों में किया जाएगा।
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