मिशन महिला-शक्ति: मध्यप्रदेश में दो सालों में महिलाओं और बच्चों के लिए ऐतिहासिक बदलाव
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भोपाल | सोमवार, 15 दिसम्बर 2025
मध्यप्रदेश में बीते दो वर्ष महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा, सम्मान और समग्र विकास के स्वर्णिम वर्ष के रूप में दर्ज हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व और संवेदनशील दृष्टिकोण से राज्य में महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट है—हर महिला को सुरक्षित जीवन, हर बालिका को प्रोत्साहन और हर बच्चे को बेहतर भविष्य।
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के अनुसार, मिशन वात्सल्य के माध्यम से हजारों बच्चों को नई ज़िन्दगी मिली। स्पॉन्सरशिप योजना ने कमजोर परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए सुरक्षा कवच का काम किया। 2024-25 में 20,243 बच्चों को सहायता मिली और 2025-26 में अक्टूबर तक 32,896 बच्चों के प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 ने दो वर्षों में लगभग 48,872 बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना योजना क्रांतिकारी साबित हुई। जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक महिलाओं को 29 किस्तों में आर्थिक सहायता दी गई। तीन बार विशेष सहायता राशि के रूप में प्रति बहन 250 रुपये अतिरिक्त प्रदान किए गए। कुल 44,917.92 करोड़ रुपये महिलाओं के खातों में डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर किए गए, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला।
मिशन शक्ति के तहत लागू पहलों ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को और मजबूत किया। वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पिंक ड्राइविंग लाइसेंस, जेंडर चैंपियन पहल और सशक्त वाहिनी कार्यक्रम ने महिलाओं को त्वरित राहत, परामर्श और आत्मविश्वास दिया। 2024-25 में वन स्टॉप सेंटरों ने 31,763 महिलाओं को सहायता दी और 2025-26 में अक्टूबर तक 20,332 महिलाओं को सेवाएँ उपलब्ध कराई गई।
राज्य एवं जिला स्तर के हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वुमन ने जागरूकता अभियानों में अभूतपूर्व योगदान दिया। 100-दिवसीय अभियान, घरेलू हिंसा निरोधक कार्यक्रम, बाल विवाह मुक्ति प्रतिज्ञा, PC-PNDT अधिनियम जागरूकता अभियान, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और आत्मरक्षा कार्यक्रमों ने समाज में संवेदनशीलता बढ़ाई। वर्ष 2024-25 में 1.47 लाख से अधिक गतिविधियाँ आयोजित हुईं, जिनमें लाखों नागरिक शामिल हुए।
सखी निवास (वर्किंग वुमन हॉस्टल) और शक्ति सदन ने महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास का मजबूत तंत्र प्रदान किया। महिला हेल्पलाइन 181 ने दो वर्षों में लगभग 1.7 लाख महिलाओं को त्वरित सहायता दी।
आंगनवाड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 12,670 मिनी आंगनवाड़ियों को पूर्ण रूप में उन्नत किया गया। ‘चयन पोर्टल’ की शुरुआत से भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी हुई और हजारों कार्यकर्ताओं को नई नियुक्ति मिली। पीएम जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा बीमा योजनाओं से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामाजिक सुरक्षा मिली।
जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में पीएम-जनमन और धरती आबा अभियान के माध्यम से सैकड़ों नए आंगनवाड़ी केंद्र खोले गए। पोषण अभियान में लाखों बच्चों की वृद्धि की निगरानी के लिए अत्याधुनिक उपकरण और फेस-मैच सत्यापन प्रणाली का उपयोग किया गया।
इन सभी पहलों के मूल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशील सोच है। मध्यप्रदेश आज महिला और बाल विकास के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। सरकार का लक्ष्य केवल योजनाओं की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि हर महिला, हर बालिका और हर बच्चे तक सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण की रोशनी पहुँचाना है।
आने वाले वर्षों में यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर, समृद्ध और सशक्त समाज के नए मानक स्थापित करेगा।

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