भूमि-संबंधी लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए पुनः चलाया जाए राजस्व अभियान: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

 राजस्व अभिलेखों के डिजिटाइजेशन में तेजी लाने के निर्देश | RCMS, साइबर तहसील और भू-अभिलेख पोर्टल की सराहना



भोपाल | 8 दिसम्बर 2025, सोमवार 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में किसानों और आम नागरिकों के भूमि-संबंधी लंबित प्रकरणों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए राजस्व महाभियान को पुनः प्रारम्भ किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को महाराजा कन्वेंशन सेंटर, खजुराहो में राजस्व विभाग की विभागीय समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।


6 माह से अधिक पुराने प्रकरणों का तुरंत निपटान करें—सीएम

सीएम ने स्पष्ट कहा कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, विवादित अभिलेखों में सुधार जैसे भूमि-संबंधी कागजी मामलों को अधिकतम पारदर्शिता और गति के साथ निपटाया जाए।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए—

  • 6 माह से अधिक लंबित सभी प्रकरणों का त्वरित निराकरण करें

  • पीठासीन अधिकारियों से प्राथमिकता के आधार पर संपर्क स्थापित करें

  • नागरिकों को जमीन से जुड़े दस्तावेजों की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए


भूमि अभिलेखों का डिजिटाइजेशन जल्द करें पूर्ण: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भूमि अभिलेखों के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए कहा कि:

  • डिजिटाइजेशन का कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाए

  • नागरिकों को भूमि नक्शा, खसरा, खतौनी जैसी जानकारी ऑनलाइन/मोबाइल ऐप से आसानी से मिले

  • वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेज कानूनी रूप से प्रामाणिक हों, ताकि डुप्लीकेसी पर रोक लग सके

  • यह सुविधा अगले दो वर्षों में पूर्ण की जाए

उन्होंने यह भी कहा कि नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शे तैयार किए जाएँ तथा नवीन आबादी भूमि का चिन्हांकन तत्काल किया जाए।


भू-अर्जन प्रक्रियाएँ पूरी तरह ऑनलाइन होने जाएँगी

सीएम ने निर्देश दिए कि भू-अर्जन प्रकरणों के लिए एंड-टू-एंड ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जाए, जिससे किसान और प्रभावित नागरिक बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए अपना कार्य करा सकें।


राजस्व मंत्री ने बताईं विभाग की उपलब्धियाँ

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियाँ और अगले तीन साल की कार्ययोजना प्रस्तुत की। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव राजस्व विवेक पोरवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


राजस्व विभाग की पिछले दो वर्षों की प्रमुख उपलब्धियाँ

1. राजस्व महाअभियान में रिकॉर्ड निराकरण

वर्ष 2024–25 में तीन चरणों में चलाए अभियान में 1 करोड़ से अधिक प्रकरणों का समाधान किया गया।

2. देश में पहली बार समर्पित राजस्व न्यायालय

24 जिलों में राजस्व न्यायालयों के लिए समर्पित अधिकारियों की नियुक्ति—यह उपलब्धि मध्यप्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर लाती है।

3. RCMS में 94% प्रकरण समय-सीमा में निपटे

RCMS पोर्टल पर दो वर्षों में 41.68 लाख प्रकरणों में से 94% का समय पर निराकरण किया गया।

4. त्रुटिहीन फसल गिरदावरी—जियो फेंस तकनीक से

3.80 करोड़ सर्वे नंबरों में फसल विवरण फोटो सहित दर्ज किए गए, जिससे सही गिरदावरी सुनिश्चित हुई।

5. स्वामित्व योजना में 94% कार्य पूर्ण

39.63 लाख ग्रामीण परिवारों को अधिकार पत्र वितरित किए गए।

6. 7-सीटर कॉल सेंटर से निगरानी मजबूत

6 माह से अधिक लंबित प्रकरणों की संख्या 8,963 से घटकर सिर्फ 150 रह गई।

7. LAMS मॉड्यूल से पारदर्शी भू-अर्जन

RCMS पोर्टल पर LAMS सुविधा से भू-अर्जन अधिक पारदर्शी और तेज़ हुआ।

8. 438 राजस्व कार्यालय भवनों की स्वीकृति

1974 करोड़ की लागत से 438 भवन स्वीकृत, जिनमें से 324 का निर्माण पूर्ण

9. प्राकृतिक आपदाओं में त्वरित राहत वितरण

2024–25 में 871.37 करोड़ और 2025–26 में अब तक 2,068.99 करोड़ रुपये खर्च कर प्रभावितों को राहत।

10. पटवारी और नायब तहसीलदारों की नियुक्ति

5281 पटवारी, 136 नायब तहसीलदार नियुक्त; 34,069 कर्मियों ने IGOT कर्मयोगी प्रशिक्षण पूरा किया।

11. राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी

2024–25 में 1048 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व संग्रह।


अभिनव प्रयोग और नवाचार: मध्यप्रदेश बना डिजिटल मॉडल स्टेट

साइबर तहसील—पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस सेवा

औसत निपटान अवधि 50 दिन से घटकर 22 दिन
साइबर तहसील को प्राप्त हुए—

  • प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार

  • नेशनल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड 2025

  • भूमि सम्मान

  • Skoch Gold अवार्ड

15 करोड़ राजस्व अभिलेख डिजिटाइजेशन के लिए स्कैन

1.25 करोड़ पेज स्कैन, 12 जिलों में कार्य प्रगति पर।

भू-अभिलेख पोर्टल 2.0 शुरू

मोबाइल ऐप से नागरिक अपनी भूमि का पूरा विवरण और प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं।


आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना

  • DPDP Act के अनुरूप पोर्टल का आधुनिकीकरण

  • नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शे

  • एंड-टू-एंड ऑनलाइन भू-अर्जन

  • नवीन आबादी भूमि का चिन्हांकन

  • विश्वास आधारित डायवर्ज़न प्रक्रिया लागू करने की तैयारी

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