मध्यप्रदेश में जल्द होंगे मंडी और सहकारिता चुनाव

 भोपाल, 5 दिसंबर 2025 — मध्यप्रदेश में लंबे समय से लंबित पड़े मंडी समितियों और सहकारिता के चुनाव जल्द कराए जाने की संभावनाएँ तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार नए साल की शुरुआत में इन चुनावों की आधिकारिक घोषणा कर सकती है।



12 साल से नहीं हुए सहकारिता चुनाव, 13 साल से अटके मंडी चुनाव

प्रदेश में मंडी ,समितियों के चुनाव लगभग 13 वर्ष से नहीं हुए हैं, जबकि सहकारिता चुनाव करीब 12 वर्ष से लंबित हैं। इसे लेकर किसानों और सहकारी संस्थाओं से जुड़े लोगों में लंबे समय से नाराज़गी रही है। किसान संगठन लगातार चुनाव कराने की माँग उठाते रहे हैं।

हाल ही में सरकार और संगठन स्तर पर हुई बैठकों में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। सूत्र बताते हैं कि दोनों क्षेत्रों के चुनाव कराने को लेकर शीर्ष स्तर पर सहमति बनती दिख रही है

शासन स्तर पर तैयारियाँ लगभग पूरी

जानकारी के अनुसार, शासन स्तर पर चुनाव संबंधी आवश्यक तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। विभागीय स्तर पर निर्वाचन क्षेत्रों की प्रारूप सूची, मतदाता सूची का अद्यतन और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में—संभावित रूप से जनवरी 2026 में—मंडी और सहकारिता चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

किसानों में उम्मीद की नई किरण

मंडी समितियाँ किसानों की उपज खरीदी, मूल्य निर्धारण और बाजार व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कई वर्षों से चुनाव न होने के कारण कई समितियाँ प्रशासनिक अधिकारियों के अधीन चल रही हैं। इससे किसानों की भागीदारी सीमित हो गई थी।

चुनाव तय होने की खबर से किसानों में नई उम्मीद जगी है कि उन्हें फिर से प्रतिनिधित्व और निर्णय लेने में भागीदारी मिलेगी। सहकारिता चुनाव भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACCS) की पारदर्शिता और गतिशीलता को नया आधार देंगे।


मंडी चुनाव मध्यप्रदेश, सहकारिता चुनाव MP, MP Mandi Election 2026, सहकारिता चुनाव 2026, किसान मंडी चुनाव, मध्यप्रदेश कृषि समाचार, सरकार चुनाव तैयारी, MP सहकारिता विभाग चुनाव

Comments

Popular posts from this blog

डॉ. तेज सिंह सेंधव राष्ट्रीय इतिहास संकलन बैठक में शामिल होने हरियाणा पहुंचे

हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुँचे राशन — मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बड़ी समीक्षा बैठक

दिव्यांग दिवस: संवेदना, सम्मान और समान अवसर का संकल्प