अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर उज्जैन में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 उज्जैन : गुरुवार, 11 दिसम्बर 2025


उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशन व प्रधान जिला न्यायाधीश एवं प्राधिकरण अध्यक्ष श्री पी.सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में विभिन्न स्थानों पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अवंतिका यूनिवर्सिटी (संस्कार विद्यापीठ, इंदौर रोड), भवानी माता मंदिर (ग्राम नजरपुर, तहसील घट्टिया), केन्द्रीय जेल भैरूगढ़, सब जेल खाचरौद, महिदपुर, तराना तथा दिव्यांग स्कूल में सम्पन्न हुए।

न्यायाधीशों ने बताया मानवाधिकारों का महत्व

दिव्यांग स्कूल में आयोजित विशेष शिविर में न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मनोज कुमार भाटी ने छात्र–छात्राओं और शिक्षकों को मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों और उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया—

  • अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस हर वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है।

  • यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाने की याद दिलाता है।

  • इसका मुख्य उद्देश्य— न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा सुनिश्चित करना, साथ ही समाज के हाशिये पर मौजूद वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना है।

बंदियों को भी दी कानूनी जानकारी

केन्द्रीय जेल और उप जेलों में उपस्थित बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों, नालसा की योजनाओं तथा विधिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और लीगल ऐड हेल्पलाइन 15100 की जानकारी भी दी गई।

संविधान के मौलिक अधिकार–कर्तव्य पर विशेष सत्र

कार्यक्रमों में भारतीय संविधान के Part-3 में वर्णित अधिकारों—

  • समानता का अधिकार

  • स्वतंत्रता का अधिकार

  • शोषण से मुक्ति का अधिकार

  • धार्मिक स्वतंत्रता
    आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
    दृष्टि एवं श्रवण बाधित छात्रों को बताया गया कि वे राष्ट्र निर्माण में किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मान

न्यायोत्सव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को शील्ड प्रदान की गई तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं बिस्किट सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य

इन सभी आयोजनों का लक्ष्य समाज के नागरिकों, विशेषकर असहाय, दिव्यांग, छात्र–छात्राओं और बंदियों को मानवाधिकारों तथा विधिक सेवा योजनाओं के प्रति जागरूक करना था।

कार्यक्रमों में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकगण, छात्र–छात्राएं एवं पैरालीगल वालंटियर्स—
श्री रितेश क्षोत्रिय, श्रीमती आंजना शुक्ला, श्रीमती दीपा शर्मा, हिताश्री सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।




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