थाने के सामने से दारू से भरी गाड़ियाँ निकलती रहें… और कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में होती रहे

 , शाजापुर - भूपेंद्र सिंह  तहसील क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने में प्रशासन की नाकामी अब खुलेआम दिखाई देने लगी है। 10 दिसंबर की घटना के बाद भी हालात जस के तस हैं। सवाल वही खड़ा है—


आख़िर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती, जिनकी दारू से भरी गाड़ियाँ थाने के सामने से गुज़रती हैं?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि

दारू का अवैध कारोबार रात हो या दिन, बेखौफ चलता है।

कुछ वाहन रोज़ाना पुलिस चौकी और थाने के सामने से ही निकलते हैं।

शिकायतों के बावजूद न तो ज़ब्ती होती है, न गिरफ़्तारियाँ—बस काग़ज़ी खानापूर्ति।

जनता पूछ रही है:

अगर थाना क्षेत्र में ही अवैध शराब धड़ल्ले से बिक रही है, तो फिर रोक किस पर है ?

क्या कार्रवाई सिर्फ छोटे विक्रेताओं तक सीमित है और बड़े खेप वालों पर नजरें बंद ?

इस ढील का फायदा उठाकर गांवों में शराब का खुला व्यापार जारी है, और क्षेत्र की क़ानून-व्यवस्था पर इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। प्रशासन की चुप्पी अब सवाल बनकर खड़ी है—

क्या वाकई रोक लगाने की मंशा है, या फिर सब कुछ मिलीभगत से चल रहा है?”


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