हर सड़क, हर पुल, हर परियोजना—जनजीवन को सरल और सुरक्षित बनाने का संकल्प : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में कहा – गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार पर सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
भोपाल : बुधवार, 10 दिसम्बर 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सड़कें केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि विकास, रोज़गार, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और सामाजिक प्रगति की आधारशिला हैं। सरकार का लक्ष्य हर परियोजना को तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि जनता के जीवन स्तर में सुधार का माध्यम मानकर आगे बढ़ना है।
मंत्रालय में आयोजित लोक निर्माण विभाग (PWD) की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि “हर सड़क, हर पुल और हर परियोजना, जनता के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाने की हमारी संकल्पना का हिस्सा है।”
बैठक में विभागीय न्यूज़ लेटर और पर्यावरण समन्वय ब्रोशर का विमोचन भी किया गया। साथ ही एमपीआरडीसी और एमपीबीडीसी के संचालक मंडल की बैठक भी संपन्न हुई।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
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मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों एवं आसपास के इलाकों में हाईवे का घनत्व बढ़ाया जाए।
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जबलपुर और ग्वालियर को जल्द मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित करने की प्रक्रिया तेज की जाए।
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अधोसंरचना विकास में ग्रीन बिल्डिंग, पर्यावरण समन्वय और वास्तु-विज्ञान का पालन हो।
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एक्सप्रेसवे निर्माण में ग्रामीण सुविधाओं—फ्लाईओवर, अंडर पास, सर्विस लेन—को प्राथमिकता दी जाए।
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सिंहस्थ–2028 के कार्य जून 2027 तक हर हाल में पूरे किए जाएँ।
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लोकपथ ऐप में रियल-टाइम रोड स्टेटस और अधिक जनसेवा फीचर्स जोड़े जाएँ।
लोकपथ ऐप—99.6% समाधान दर, राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐप का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि अधिक नागरिक लाभ उठा सकें।
बैठक में बताया गया कि 12,212 में से 12,166 शिकायतें समाधान की जा चुकी हैं।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि ऐप में जल्द ही दूरी, वैकल्पिक मार्ग, पर्यटन स्थल, चिकित्सा सुविधाएँ, ब्लैक स्पॉट और टोल शुल्क जैसी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
दो वर्षों की बड़ी उपलब्धियाँ (2023–2025)
✔ 12,000 किमी सड़क निर्माण और उन्नयन—ऐतिहासिक रिकॉर्ड
राज्य का 77,268 किमी का नेटवर्क अब देश के अग्रणी नेटवर्कों में शामिल।
✔ वित्तीय वर्ष 2024–25 में 99% वित्तीय उपलब्धि
समयबद्ध क्रियान्वयन और संसाधन प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण।
✔ लोकपथ ऐप – 99.6% शिकायतें निपटाई गयीं
पारदर्शिता और नागरिक सुविधा में बड़ी सफलता।
✔ बड़े शहरी कॉरिडोर पूरे
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जबलपुर : 6.9 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर
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भोपाल : डॉ. अम्बेडकर फ्लाईओवर (2.73 किमी)
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर मार्ग (15.1 किमी)
✔ स्वास्थ्य–शिक्षा अवसंरचना का विस्तार
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3 नए मेडिकल कॉलेज
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136 नए विद्यालय भवन
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ग्वालियर और रीवा में जिला एवं सत्र न्यायालय भवन
✔ 421 स्वीकृत CRF सड़कों में से 378 पूर्ण
18 पुल निर्माणाधीन—ग्रामीण कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार।
✔ 506 लोक कल्याण सरोवर का निर्माण—जल संरक्षण का अभिनव मॉडल
✔ कड़ी गुणवत्ता निगरानी
52 ठेकेदारों को नोटिस, 15 ब्लैकलिस्ट—शून्य सहनशीलता नीति।
प्रमुख नवाचार—PWD का टेक्नोलॉजी मॉडल
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PM गतिशक्ति GIS मास्टर प्लान – वैज्ञानिक, डेटा-आधारित रोड प्लानिंग
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LPMS सिस्टम – सर्वेक्षण से भुगतान तक सभी कार्यों का डिजिटल एकीकरण
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लोक निर्माण सर्वे ऐप – 100% एसेट जियो-मैपिंग
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एरियल डिस्टेंस प्लानिंग – अधिक सटीक और किफायती मार्ग चयन
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FDR, जेट पैचर, इंफ्रारेड रिपेयर तकनीक – टिकाऊ और कम लागत सुधार
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GPS-लॉक्ड बिटुमेन टैंकर – सामग्री की पारदर्शिता
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सौर ऊर्जा का विस्तार – 10 भवनों में 269 kW, 689 भवनों में 6.5 MW की योजना
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2.57 लाख पौधे, 1271 पेड़ ट्रांसप्लांटेशन – 85% जीवंतता के साथ पर्यावरण संरक्षण
अगले तीन वर्षों की कार्ययोजना (2026–2028)
🔸 पहली बार—राज्य वित्त पोषित एक्सप्रेसवे मॉडल
उज्जैन–इंदौर, इंदौर–उज्जैन, भोपाल पूर्वी बायपास जैसे हाईस्पीड कॉरिडोर।
🔸 सिंहस्थ–2028 के लिए 12,000 करोड़ के 52 कार्य
धार्मिक पर्यटन और शहरी कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव।
🔸 ग्रीनफील्ड कॉरिडोर नेटवर्क
औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों और लॉजिस्टिक ज़ोन्स को तेज़ कनेक्टिविटी।
🔸 जल–संरक्षण के 600 नए लोक कल्याण सरोवर
🔸 100% सौर ऊर्जा लक्ष्य
विभागीय भवन पूरी तरह ग्रीन पावर पर चलेंगे।
🔸 रोड सुरक्षा पर फोकस
ब्लैकस्पॉट सुधार, रोडसाइड एमेनिटीज़, इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम।
🔸 100% डिजिटल एसेट मैपिंग
जियो-रेफरेंस्ड, ऑटो-अपडेटिंग सिस्टम से मॉनिटरिंग और बजट निर्धारण सटीक होगा।
🔸 शहरी ट्रैफिक कम करने के लिए
नए ROB, फ्लाईओवर, बायपास और स्मार्ट कॉरिडोर।
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