उज्जैन में बड़ा खुलासा: 500 के नकली नोटों पर छाप दिए 10 रुपए के नंबर, इंदौर में फरार आरोपी की तलाश जारी
उज्जैन में नकली नोट गिरोह का भंडाफोड़ | 500 के नोट पर छापे 10 रुपए के नंबर
उज्जैन। शहर की क्राइम ब्रांच और चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने नकली नोट छापकर उन्हें बाजार में चलाने वाले एक शातिर गिरोह का बड़ा पर्दाफाश किया है। पुलिस पूछताछ में ऐसे खुलासे हुए, जिनसे पूरे मामले की गंभीरता सामने आई।
गिरोह 500 के नकली नोटों पर 10 रुपए के असली नोटों के नंबर छापकर उन्हें असली जैसा दिखाने का काम कर रहा था, ताकि नोट पहचान में न आएं।
पिछले पांच महीनों में लगभग 20 लाख रुपए के नकली नोट तैयार किए गए, जिनमें से ढाई लाख रुपए से अधिक नकली नोट बाजार में खपा भी दिए गए।
दो आरोपी गिरफ्तार, एक अभी भी फरार
पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि कार्रवाई के दौरान दो आरोपियों को पकड़ा गया है—
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दिनेश चौहान (हाटकेश्वर विहार)
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हिमांशु उर्फ चीनू गौसर (गऊघाट रेलवे कॉलोनी)
इन दोनों के पास से 17 लाख 50 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं।
गिरोह का तीसरा साथी राजेश बरवटे (गंगाविहार कॉलोनी, इंदौर) अभी फरार है।
राजेश को पकड़ने के लिए इंदौर में कई स्थानों पर छापेमारी की गई, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली। पुलिस जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद कर रही है।
डिलीवरी मेन था सोनू, हीरामिल निवासी
जांच में एक और महत्वपूर्ण नाम सामने आया—सोनू, निवासी हीरामिल।
पहले तेल की हेराफेरी में पकड़ा जा चुका सोनू ही गिरोह का डिलीवरी मेन था।
✔ वही नकली नोट दुकानों, बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पहुंचाने का काम करता था।
✔ तैयार नोटों की सप्लाई और उन्हें खपाने की पूरी जिम्मेदारी उसके पास थी।
✔ पुलिस ने उसकी भूमिका को गंभीरता से लेते हुए जांच को और तेज किया है।
कैसे चलता था नकली नोटों का पूरा खेल?
पुलिस जांच में जो बातें सामने आईं, वे चौंकाने वाली हैं—
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गिरोह साधारण स्कैनर और प्रिंटर से 500 रुपए के नकली नोट छापता था
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नोटों को असली जैसा दिखाने के लिए उस पर 10 रुपए के नोट का असली सीरियल नंबर छाप देता था
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छोटे लेनदेन, बाजारों और दुकानों में धीरे-धीरे नकली नोट खपाए जाते थे
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पूरा नेटवर्क उज्जैन से इंदौर तक फैला हुआ था
यह तरीका पुलिस की नजर से बचने का एक सोचा-समझा प्रयास था।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है—
✔ फरार आरोपी राजेश बरवटे की तलाश जारी
✔ सोनू की भूमिका पर गहन जांच
✔ बरामद नकली नोटों की फॉरेंसिक जांच
✔ गिरोह का नेटवर्क, सप्लाई चेन और अन्य लिंक खंगाले जा रहे हैं
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और समय रहते इसका खुलासा होना बेहद जरूरी था, ताकि बाजार में नकली मुद्रा का प्रसार रोका जा सके।

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