श्रद्धालुओं का सिंहस्‍थ 2028 का अनुभव होगा भव्‍य, दिव्‍य और आलौकि‍क : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 CM ने नवीन घाट निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
सिंहस्‍थ 2028 की तैयारी तेज,मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घाट निर्माण का निरीक्षण किया
779 करोड़ की लागत से 29.15 किमी लंबे घाटों का विकास
सिंहस्‍थ में 4 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की क्षमता,घाटों पर हरियाली और एकरूपता पर जोर
सुविधाओं, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर विशेष निर्देश,शिप्रा नदी विकास योजना

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया


उज्जैन  में 2028 में होने वाले सिंहस्‍थ पर्व को भव्यता और दिव्यता के नए मानक देने की तैयारी तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन प्रवास के दौरान नवीन घाट निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सिंहस्‍थ 2028 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव मिले जो भव्य, दिव्य और अलौकिक हो।

घाट निर्माण में एकरूपता और हरियाली पर जोर

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटों के निर्माण में डिजाइन की एकरूपता, मजबूत संरचना, बेहतर सुरक्षा मानक और हरियाली को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि—

  • प्रत्येक घाट पर श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित हों

  • प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, सेफ्टी रेलिंग और बैठने की उत्तम व्यवस्था हो

  • भीड़ प्रबंधन हेतु तकनीकी और अवसंरचनात्मक तैयारियाँ समय पर पूरी हों

सीएम ने यह भी कहा कि घाटों के निर्माण के बाद शिप्रा तट आधारित विकास योजना पर भी तेजी से काम किया जाएगा, जिससे उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं का संपूर्ण अनुभव और अधिक समृद्ध हो।

779 करोड़ की लागत से 29.15 किमी में विकसित हो रहे घाट

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 31 मई 2025 को शिप्रा नदी के तट पर 779 करोड़ रुपये की लागत से 29.15 किमी लंबे नवीन घाट विकास कार्य का भूमि पूजन किया था। परियोजना में—

  • नए घाटों का निर्माण

  • पुराने घाटों का उन्नयन

  • सुरक्षा, यातायात और आपदा प्रबंधन संरचना

  • प्रकाश एवं हरितायन योजना शामिल है

24 घंटे में 4 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की क्षमता

नवीन घाट प्रणाली के पूर्ण होने पर सिंहस्‍थ के दौरान 24 घंटे में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। इससे—

  • श्रद्धालुओं को सहज और सुचारु स्नान सुविधा मिलेगी

  • प्रशासन को भीड़ प्रबंधन में उल्लेखनीय सहायता मिलेगी

  • शिप्रा तट पर दबाव कम होगा और यातायात-प्रवाह अधिक संतुलित रहेगा

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी कार्य गुणवत्ता और समय-सीमा के साथ पूरा किए जाएं।


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